
जिलाधिकारी ने बाढ़ पूर्व तैयारियों को यथाशीघ्र पूरा करने का दिया अधिकारियों को निर्देश
अररिया, रंजीत ठाकुर मानसून के आगमन के साथ ही जिले में हर साल बाढ़ का संकट गहराने लगता है। राज्य के बाढ़ प्रभावित 29 जिलों में 15 जिले अतिसंवेदनशील व 14 जिले संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल है। इसमें अररिया बाढ़ प्रभावित राज्य के अतिसंवेदनशील जिलों की सूची में शामिल है। जिले के 09 में से 07 प्रखंड हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। कुल 211 पंचायतों में 72 पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होता है। वहीं 61 पंचायतों में बाढ़ का आंशिक असर देखा जाता है। बाढ़ व इसके काराण निचले इलाकों में लंबे समय तक जलजमाव की स्थिति बनी रहने के कारण इस दौरान सर्पदंश, जलजनित बीमारी व विभिन्न संक्रामक रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे जिलावासियों को जानमाल की गंभीर क्षति उठानी पड़ती है। लिहाजा संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए जिलाधिकारी इनायत खान ने सभी स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को अलर्ट रहते हुए इससे जुड़ी जरूरी तैयारियों को यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है।
किसी भी स्थिति में प्रभावित न हो स्वास्थ्य सेवाएं
जिलाधिकारी इनायत खान ने बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों में किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवा बाधित न हो इसे लेकर हर स्तर पर जरूरी तैयारियां सुनिश्चित कराने का निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया है। उन्होंने जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष चिकित्सकीय इंतजाम सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैसी गर्भवती महिलाएं जिनका प्रसव बाढ़ की अवधि के दौरान संभावित है। सभी दिव्यांग, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को चिह्नित करते हुए संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम के माध्यम से लाइन लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तत्काल जरूरी चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराया जा सके।
स्वास्थ्य अधिकारियों को किया गया अलर्ट
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में बाढ़ पूर्व सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। संभावित खतरे को लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अलर्ट किया गया है। चिकित्सा पदाधिकारी को अपने इलाके के बाढ़ प्रभावित व जलजमाव वाले क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिये कहा गया है। बाढ़ के दौरान जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हो इसे लेकर अधिकारियों को वैक्लपिक इंतजाम सुनिश्चित कराते हुए स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के लिये सुरक्षित व सुविधाजनक स्थल को चिह्नित किया जा रहा है। ताकि बाढ़ के दौरान भी इन केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन निर्बाध रूप से जारी रखा जा सके।
प्रभावित इलाकों में चलंत चिकित्सा दल रहेगा सक्रिय
डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवश्यकता अनुरूप चलंत चिकित्सा दल गठित किया जा रहा है। इसमें चिकित्सक, नर्स, एएनएम व अन्य परामेडिकल कर्मी शामिल हैं। प्रभावित इलाकों में निरंतर विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जाने को लेकर जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ताकि बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों से आसनी से निपटा जा सके।